वो आज की औरत जो इंसान है, और इंसान होना चाहती है। वो आज की औरत जो इंसान है, और इंसान होना चाहती है।
अब न कोई दादी - नानी की कहानी , अब न गर्मी की छुट्टी में कहीं आना - जाना , अब न कोई दादी - नानी की कहानी , अब न गर्मी की छुट्टी में कहीं आना - जाना ,
पर मेरे में कोई ऐब ना था इसलिए मुझे चाहती थी पर मेरे में कोई ऐब ना था इसलिए मुझे चाहती थी
मेरा नाम है सुधार, सुधार चहती हूँ। सुधारने वाला कौन है? गरीबी हूँ, लेकिन गरीबी हटान मेरा नाम है सुधार, सुधार चहती हूँ। सुधारने वाला कौन है? गरीबी हूँ, ल...
मेरे अर्थ मैं प्रेम की कोई सीमा नहीं प्रेम बेशर्त, निर्मोह, अद्भुत होता है, प्रेम का मेरे अर्थ मैं प्रेम की कोई सीमा नहीं प्रेम बेशर्त, निर्मोह, अद्भुत होता है, ...
चैन ओ अमन चाहती हूं मैं अंशाति नही शांति चाहती हूं चैन ओ अमन चाहती हूं मैं अंशाति नही शांति चाहती हूं